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प्रणव प्राणायाम

प्रणव प्राणायाम सभी प्राणायाम करने के बाद अपना ध्यान सांस पर केंद्रित करने के लिए किया जाता है। शुरुआत में सांस का घर्षण नाक की नोक पर महसूस किया जाएगा। एक दर्शक बन अपने आप को देखिए। गहरी सांस लें और सांस इतनी धीरे लें कि उसकी आवाज भी न हो। कोशिश करें कि सांस इतनी धीरे लें कि अगर नाक के सामने रुई का टुकड़ा भी रख दें तो वह भी नए हिल पाई। धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाने का प्रयास करें और 1 मिनट में एक बार ही सांस लेने का प्रयास करें। इस प्रकार सांस पर ध्यान देने की कोशिश करें।

प्रक्रिया :

सुखासन,सिद्धासन,पद्मासन अथवा वज्रासन में एकदम शान्त बैठें। स्वभाविक रूप से सांस ले | मन को सांसों के आवागमन पर केन्द्रित करपंक्ति सांसों को दृष्टा के रूप मे देखें ।

अवधि :

2-5 मिनट या अधिक

लाभ :

  1. ब्रम्हानंद की प्राप्ती करने के लिए और मन और मस्तिषक की एकाग्रता बढाने के लिये बहुत उपयोगी है।
  2. शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
  3. यह शारीरिक और आध्यात्मिक ऊर्जा देता है।
  4. मानसिक तनाव से राहत देता है और शारीरिक विकारों पर काबू करने में मदद करता है।
  5. मन को मजबूत बनाने, ध्यान में मदद करें।&
  6. आध्यात्मिक विकास में मदद करता है और हमारे दृष्टिकोण को बढ़ाता है

प्रणव प्राणायाम

Last updated on 10-07-2021

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1 Comments

Unknown said…
It is a great help to any individual and to mankind, in general, to learn and
practice these exercises as per capacity and time available. This is a must
program to eliminate general health problems and to maintain and attain a
good health. Thank you very much Baba Ramdev and his team. from
Bhagwant Rai in Gurgaon, Haryana