Ticker

6/recent/ticker-posts

ईशा क्रिया - आनंद की एक प्रक्रिया : सद्गुरु

आज कल अधिकतर लोगों के लिए योग शब्द का अर्थ शरीर को असंभव तरीकों से तोड़ना मरोड़ना हो गया है। योग का शारीरिक पक्ष इस बहुआयामी विज्ञान का केवल एक पहलू है। योग अपनी शारीरिक और मनसिक क्षमताओं को शिखर पर पहुंचाने की तकनीक है, जिससे हम जीवन को संपूर्णता में जीने के काबिल बनाते हैं।
सद्गुरु एक सिद्ध योगी और गुरु हैं। उनका यह सपना है कि वह हर व्यक्ति को आध्यात्मिकता की एक बूँद प्रदान कर सकें। आध्यात्मिक विकास की संभावनाएं जो पहले केवल योगियों और संयासियों के लिए ही थी अब ईशा क्रिया के द्वारा सभी लोगों को उनके घर की सुख सुविधा में बैठे प्राप्त हो सकती है।
योग विज्ञान के शाश्‍वत ज्ञान का हिस्‍सा है ईशा क्रिया। सद्गुरु ने ईशा क्रिया को एक सरल और शक्तिशाली विधि के रूप में पेश किया है। ईशा का अर्थ है, " वह जो सृष्टि का स्रोत है" और क्रिया का अर्थ है, "आंतरिक कार्य।" ईशा क्रिया का उद्ददेश्य मनुष्य को उसके अस्तित्व के स्रोत से संपर्क बनाने में सहायता करना है, जिससे वह अपना जीवन अपनी इच्छा और सोच के अनुसार बना सके। ईशा क्रिया के दैनिक एवं नियमित अभ्यास से जीवन में स्वास्थ, कुशलता, शांति और उत्‍साह बना रहता है। यह आज के भाग दौर वाले जीवन के साथ तालमेल बिठाने के लिए एक प्रभावशाली साधन है।
ईशा क्रिया सरल व नि:शुल्क है। इसका आसानी से अभ्‍यास किया जा सकता है।विडियो में बताई गई विधि के साथ यह ध्यान सीखा जा सकता है और इसे डाउनलोड किया जा सकता है। जो लोग चंद मिनट का समय निकालने को तैयार हैं उन सभी का जीवन रूपांतरित करने की इसमें शक्‍ति है।

Post a Comment

0 Comments